AGHORACHARYA BABA KINARAM AGHOR SODH EVAM SEVA SANSTHAN

News Details

News & Event Details

गुरुपूर्णिमा महोत्सव 2024

Event Date :21-07-2024

गुरुपूर्णिमा पर श्रद्धा-भक्ति-समर्पण के साथ सराबोर रहा 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड'
गुरु-शिष्य परम्परा का पावन पर्व, गुरु पूर्णिमा, यूँ तो पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है पर देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में इस पर्व का नज़ारा देखते ही बनता है । इस अति-आधुनिक वैज्ञानिक युग में, अति-प्राचीन, गुरु-शिष्य परंपरा को देखना, सुनना, समझना अदभुत लगता है ।
काशी भगवान् शिव की नगरी है और इस शहर का कोना-कोना, गुरु-पर्व, पर गुलज़ार रहता है । हज़ारों मठ-मंदिरों की पनाहगाह, काशी, गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हमें अपनी शानदार विरासत पर इतराने का एक बेहतरीन मौक़ा देती है । हालांकि इस दिन काशी के हर मठ-मंदिर में शिष्य का गुरु के प्रति समर्पण देखते ही बनता है लेकिन कुछ जगहें, काशी में, ऐसी हैं जहां सिर्फ़ देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी ये दृश्य देखने के लिए आते हैं ।
इन्हीं जगहों में से एक है, रविन्द्रपुरी कॉलोनी स्थित विश्वविख्यात अघोरपीठ, 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' । यहाँ के वर्तमान पीठाधीश्वर, अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी, को अध्यात्म की दुनिया में साक्षात शिव माना जाता है ।
दिनांक 19 जुलाई, शुक्रवार, से पूरी दुनिया के अघोरियों के सर्वमान्य तीर्थस्थान, 'क्रीं-कुण्ड' पर देश और दुनिया के श्रद्धालु-भक्तजन का जमावाड़ा लगना शुरू हो गया था । सबके अन्दर सिर्फ़ एक ही लालसा थी कि शिव रुप अपने गुरु, बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी, का दर्शन-पूजन करना ।
21 जुलाई, रविवार, को सुबह 4 बजे से ही आश्रम परिसर के बाहर लम्बी कतार में लोग अनुशासनबद्ध होकर गुरु के आसन पर विराजमान होने का इंतज़ार कर रहे थे । सुबह 8 बजे जैसे ही अघोराचार्य महाराजश्री अपने कक्ष से बाहर निकले, हर-हर महादेव के, गगनभेदी उद्घोष से पूरा परिसर गूँज उठा । परिसर में स्थित अघोराचार्य महाराजश्री बाबा कीनाराम जी तथा अघोरेश्वर महाप्रभु अवधूत भगवान् राम जी सहित सभी 55-60 समाधियों के पूजन-दर्शन के बाद जब अघोराचार्य अपने औघड़ तख़्त पर आसीन हुए तो ढोल-डमरू-नगाड़े-शंख के साथ हर-हर महादेव का उद्घोष जारी रहा ।
क़तारबद्ध भक्तों ने बड़े ही अनुशासन के साथ गुरु के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित कर शीश नवाया और उसके बाद प्रसाद ग्रहण किया । गुरु दर्शन-पूजन और प्रसाद ग्रहण का ये सिलसिला देर शाम तक चलता रहा ।
बाद में एक सांयकालीन गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें काशी और आस-पास के विद्द्वानों ने गुरु-पूर्णिमा पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। इसके अलावा विद्द्वानों ने इस बात पर भी जोर दिया कि अघोर के विश्व विख्यात हेडक्वार्टर 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' में यहाँ के शिव रुप पीठाधीश्वर को गुरु के रुप में पूजने का क्या महात्म्य है ।
गोष्ठी के दौरान 'अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं सेवा संस्थान' (ABKASESS) की 'महिला मण्डल' विंग द्वारा, विगत तीन-चार वर्षों में सामाजिक सरोकार के किये गए कार्यों पर आधारित, एक बुकलेट का विमोचन भी अघोराचार्य महाराजश्री के हाथों हुआ । महाराजश्री के हाथों 'महिला मण्डल' को प्रोत्साहन पत्र भी दिया गया ।
इसके अलावा वाराणसी के प्रसिद्द विद्द्वान तथा संस्थान की पाक्षिक पत्रिका, 'अघोरेश्वर निनाद', के सम्पादक श्री सी.एन. ओझा जी की पद्य कृति, 'अघोरेश्वर चरणों में समर्पित 108 पंखुड़ियाँ' का भी विमोचन महाराजश्री के हाथों संपन्न हुआ ।
गोष्ठी के अंत में पूरी दुनिया में अघोर के आराध्य, ईष्ट, मुखिया और 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' के शिव रुप पीठाधीश्वर ने अपने आशीर्वचन में भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि - "आप यहाँ आते रहिये और यहाँ की रश्मियों को संजोते हुए अपनी सभी कमियों को यहाँ छोड़कर अच्छाइयां ग्रहण कर समाज में जाएं" । साँयकालीन आरती के बाद 'सांस्कृतिक कार्यक्रम' के तहत वाराणसी के नामचीन कलाकारों ने भक्ति के रंग से सराबोर सुरताल का जो समा बांधा, वो लगातार तालियों की गूँज के साथ अर्धरात्रि तक जारी रहा ।

Aghoracharya Baba Keenaram Ji -Guru Purnima

अघोराचार्य महाराजश्री औघड़ तख़्त पर आसीन हुए

क़तारबद्ध भक्तों ने बड़े ही अनुशासन के साथ गुरु के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित कर शीश नवाया

सांयकालीन गोष्ठी

महिला मण्डल बुकलेट का विमोचन अघोराचार्य महाराजश्री के हाथों हुआ

महाराजश्री के हाथों 'महिला मण्डल' को प्रोत्साहन पत्र |

108 पंखुड़ियाँ का विमोचन महाराजश्री के हाथों संपन्न हुआ |

सांयकालीन गोष्ठी में सैकड़ों की संख्या में भक्त |

प्रसाद ग्रहण करते हुये भक्तगण |