AGHORACHARYA BABA KINARAM AGHOR SODH EVAM SEVA SANSTHAN

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अघोराचार्य बाबा कीनाराम जी का लोलार्क षष्ठी समारोह

Event Date :09-09-2024

'लोलार्क षष्ठी' के अवसर पर हर-हर महादेव के गगनभेदी उदघोष से गुंजायमान रहा 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' '|

वाराणसी स्थित अघोर-परंपरा का विश्वविख़्यात अघोरपीठ, 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड', यूँ तो साल भर श्रद्धालुओं-भक्तों की आस्था और जिज्ञासुओं-शोधकर्ताओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहता है, लेकिन कुछ अवसरों पर यहाँ नज़ारा कुछ और होता है । इन्हीं में से एक अवसर होता है हर साल मनाया जाने वाला अघोर-परंपरा का सबसे बड़ा पर्व- 'लोलार्क षष्ठी' । ये पर्व , अघोर-परंपरा के आधुनिक स्वरुप के आराध्य-ईष्ट-अधिष्ठाता, अघोराचार्य बाबा कीनाराम जी, के जन्म के बाद छठवें दिन मनाया जाता है । आपको बता दें कि उत्तर-भारत में बच्चे के जन्म के बाद छठवें दिन 'छठी पर्व' मनाए जाने का चलन पुराने समय से चला आ रहा है ।  तिथि के अनुसार, इस बार का छठी पर्व 9 सितम्बर, सोमवार को हज़ारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । 

इस पर्व को मनाने के मद्देनज़र, रविन्द्रपुरी स्थित ''बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' ' में भक्तों का जमावड़ा 7 सितम्बर से ही लगना शुरू हो गया था ।  देश और दुनिया के हज़ारों, श्रद्धालू आश्रम परिसर में, डेरा जमाए हुए थे । सभी का एक ही उद्देश्य था - अपने आराध्य, अघोराचार्य बाबा कीनाराम जी, को अपना श्रद्धासुमन अर्पित करना और वर्तमान में पूरी दुनिया में अघोर-परंपरा के आराध्य, ईष्ट तथा बाबा कीनाराम जी पुनरागमित स्वरुप तथा 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' के वर्तमान पीठाधीश्वर, अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी, का दर्शन कर कृतार्थ होना । 

9 सितम्बर को देश-दुनिया से आए हज़ारों श्रद्धालु सुबह पाँच बजे भोर से ही आश्रम परिसर के बाहर लाइन लगा कर खड़े थे । अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी, सुबह साढ़े आठ बजे, जैसे ही अपने कक्ष से बाहर निकले पूरा आश्रम परिसर हर-हर महादेव के गगनभेदी उदघोष से गूँज उठा । आश्रम परिसर में बाबा कीनाराम जी, अघोरेश्वर महाप्रभु की मूर्ति-समाधि सहित क़रीब 60 औघड़-अघोरेश्वर की समाधि के आरती-पूजन के बाद अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी जैसे ही अपने औघड़-तख़्त पर आसीन हुए, भक्तगण दर्शन के लिए उतावले हो उठे। अनुशासित-क्रमबद्ध तरीके से दर्शन-पूजन और प्रसाद ग्रहण का ये सिलसिला देर शाम तक जारी रहा । 

बाद में सांयकालीन गोष्ठी में 'बाबा कीनाराम जी और लोलार्क षष्ठी' के तहत वाराणसी और आस-पास के विद्द्वानों ने इस पर अपना प्रकाश डाला। 

लोलार्क षष्ठी के इस पावन पर्व पर 'अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं सेवा संस्थान' के तत्त्वाधान में संस्था की 'महिला मण्डल' विंग ने एक विशाल 'रक्तदान शिविर' का आयोजन किया था, जिसमें  क़रीब 60 लोगों ने स्वेक्षा से रक्क्तदान किया। 

उधर लोलार्क छठ के अवसर पर हज़ारों की भीड़ को नियंत्रित तथा सुरक्षा-व्यवस्था चुस्त- दुरुस्त रखने के लिए, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एक हफ़्ते पहले से ही आश्रम- परिसर के अंदर-बाहर का लगातार मुआयना कर अपने मातहतों को ज़रुरी दिशा-निर्देश दे रहे थे, लिहाज़ा प्रशासन से जुड़े लोग चौकन्ने थे ।

आश्रम परिसर के बाहर मेले जैसा दृश्य था, जहां हज़ारों की संख्यां में दुकानें गुलज़ार थीं और बड़ी संख्या में लोग भी दर्शन-पूजन के बाद ख़रीददारी और व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते दिखे।

आरती-पूजन करते हुये महाराजश्री

अनुशासित-क्रमबद्ध तरीके से दर्शन-पूजन करते हुये भक्तगण

महाराजश्री दर्शन देते हुये